लोकराग
पलकों की नमी अच्छी लगी
याद के त्यौहार को तेरी कमी अच्छी लगी
बात, तपते ज़िस्म को ये शबनमी अच्छी लगी
इसलिये हम लौट आये प्यास लेकर झील से
खुश्क लब को नीम पलकों की नमी अच्छी लगी
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