ख्वाब की तरह से आँखों में छिपाए रखना
हमको दुनिया की निगाहों से बचाए रखना
बिखर न जाऊं कहीं टूटकर आंसू की तरह
मेरे वजूद को पलकों पे उठाए रखना
आज है ग़म तो यक़ीनन ख़ुशी भी आएगी
दिल में एक शम्मा तो उम्मीदों की जलाए रखना
तल्ख़ एहसास से महफूज़ रखेगी तुझको
मेरी तस्वीर को सीने से लगाए रखना
ग़ज़ल नहीं, है ये आइना-ए-हयात मेरी
अक्स जब भी देखना एहसास जगाए रखना
ग़मों के साथ मोहब्बत है ये आसान नदीश
ख़ुशी की ख्वाहिशों से खुद को बचाए रखना
Behatreen lekhan
ReplyDeleteशुक्रिया
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