ज़िस्म की खराश देखकर


ख़्वाबे-वफ़ा के ज़िस्म की खराश देखकर
इन आँसुओं की बिखरी हुई लाश देखकर
जब से चला हूँ मैं कहीं ठहरा न एक पल
राहें भी रो पड़ीं मेरी तलाश देखकर


2 comments:

  1. वाह जनाब

    एक नज़र मेरे पोस्ट्स पर भी डालिएगा उम्मीद है आपको पसंद आएँगी
    merealfaaz18.blogspot.com

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  2. शुक्रिया
    बिल्कुल

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