अपनी आँखों के आईने में संवर जाने दे
मुझे समेट ले आकर या बिखर जाने दे
मेरी नहीं है तो ये कह दे ज़िन्दगी मुझसे
चंद सांसें करूँगा क्या मुझे मर जाने दे
दर्द ही दर्द की दवा है लोग कहते हैं
दर्द कोई नया जिगर से गुजर जाने दे
यूँ नहीं होता है इसरार से हमराह कोई
गुजर जायेगा तनहा ये सफ़र जाने दे
नदीश आएगा कभी तो हमसफ़र तेरा
जहाँ भी जाये मुन्तज़िर ये नज़र जाने दे
चित्र साभार-गूगल
सुंदर रचना👍👌👌
ReplyDeleteशुक्रिया आदरणीया
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