नासमझी




तुम सोचते हो कि
घर से निकाले गए
माँ-बाप बेघर हो जाते हैं,
नहीं, नासमझी है ये तुम्हारी,
बल्कि
माँ-बाप के चले जाने से
तुम्हारा घर ही
बेघर हो जाता है


चित्र साभार- गूगल

4 comments:

  1. बहुत ही बडी बात लिखी आपने लोकेश जी। जो माता पिता का तिरस्कार करते है, उनका घर भी कहाँ बसता है?

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  2. वाह क्या बात है. बहुत बढ़िया 👌 👌

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  3. सच्चाई तो यही है . बस समझने वाली बात है . बहुत सुन्दर और हृदयस्पर्शी सृजन ।

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