दिल मेरा जब लेकर तेरा नाम धड़कने लगता है
वीरां-वीरां आँखों में एक ख्वाब चमकने लगता है
साँसों की ही खातिर तुझको माँगा है इस जीवन ने
तुझको न सोचे तो ये दिल यार मचलने लगता है
चुभ जाते हैं अश्क़ों के कांटे यादों के बिस्तर पे
नींदों का पतझर आकर बेज़ार दहकने लगता है
जुगनू, खुश्बू, चाँद-सितारे, बादल, गुलशन और फिज़ा
जब तुम मेरे पास न हो तो माहौल अखरने लगता है
कैसे हाल सुनाये अपने दिल का तुमको कहो नदीश
आँखों से आंसू बनकर ये दर्द छलकने लगता है
चित्र साभार : गूगल
वाह!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर गजल....
लाजवाब...
बहुत आभार आदरणीया
Deleteवाह! लाज़बाब। जज़्बातों के खूबसूरत अल्फ़ाज़! बधाई!!!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
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