तन्हाई के जंगल


तन्हाई के जंगल में 
भटकते हुए 
याद का पल
जब भीग जाता है 
अश्क़ों की बारिश में 
तब एक उम्मीद 
चुपके से आकर 
पोछ देती है 
अश्क़ों की नमी
और पहना देती है 
इंतज़ार के नये कपड़े

चित्र साभार- गूगल

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